योग स्वास्थ्य का खजाना- डॉ अजय

वाराणसी। योग का नाम लेते ही मन में बहुत सी टेढ़ी मेढ़ी मुद्राओ का ख्याल आने लगता है। ये टेढ़ी मेढ़ी मुद्राओ का स्वास्थ्य पर कितना गहरा प्रभाव पड़ता है ये अब किसी से छिपा नही है। योग के नियमित अभ्यास से शरीर रोगों के प्रति अधिक प्रतिरोधी होता है। साथ ही रोज मर्रा के तनावो का प्रभाव भी कम होता है|


पहली बार 27 सितंबर 2014 में संयुक्‍‍त राष्‍ट्र महासभा के भाषण में माननीय मुख्‍यमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा अंतरराष्‍ट्रीय योग दिवस मनाए जाने की अपील के उपरांत अमेरिका ने 123 सदस्‍यों की बैठक में अंतर्राराष्‍ट्रीय योग दिवस का प्रस्‍ताव पास कर दिया। इसके 90 दिनों के अंदर 177 देशों ने अंतर्राराष्‍ट्रीय योग दिवस का प्रस्‍ताव पारित कर दिया। 21 जून 2015 को पूरे विश्‍व में पहली बार अंतर्राष्‍ट्रीय योग दिवस मनाया गया। 


भारत सरकार द्वारा पूरे जोश खरोश के साथ इस बार 15 जून से 30 जून तक योग पखवाड़ा मनाया जा रहा है।पूरे पखवाड़े हम आपको रोज योग के नए नए तरीको से अवगत कराएंगे और किस बीमारी में कौन से योगासन लाभ पहुंचाता है ये बताएंगे। आज चौकाघाट स्थित राजकीय स्नातकोत्तर आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय , वाराणसी के कायचिकित्सा एवं पंचकर्म विभाग के डॉ अजय कुमार से बातचीत के बाद आज पहले दिन बता रहे है योग क्या है और इसके क्या फायदे है-

योग एक बहुत ही व्यापक शब्द है जिसका अर्थ होता है जोड़ना। महर्षि पतंजलि के योग को ‘चित्त की वृत्तियों के निरोध’ के रूप में परिभाषित किया है। जबकि भगवान श्री कृष्ण ने गीता में अपने कार्यो में कुशलता को ही योग माना है। पतंजली ने ‘योगसूत्र’ में पूर्ण कल्याण तथा शारीरिक, मानसिक और आत्मिक शुद्धि के लिए आठ अंगों वाले योग का एक मार्ग विस्तार से बताया है। 

यह आठ अंग हैं-

(1)यम (2)नियम (3)आसन (4) प्राणायाम (5)प्रत्याहार (6)धारणा (7) ध्यान (8)समाधि। वर्तमान में योग के तीन ही अंग प्रचलन में हैं- आसन, प्राणायाम और ध्यान। 

कौन कौन से योगासन नियमित किये जा सकते है-

यहां पर कुछ योगासन बता रहे है जिनके नियमित अभ्यास से शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है, पाचन सही रहता है, नींद सही आती है। इनके अलावे भी बाहर से आसन है जिनका अलग अलग रोगों में प्रयोग करते है।

  1. सुखासन
  2. पश्चिमोत्तान आसन
  3. शवासन
  4. पवनमुक्तासन
  5. वज्रासन
  6. सर्वांगासन
  7. ताड़ासन
  8. भुजंगासन
  9. धनुरासन

योग से लाभ-
योग तन और मन से जुड़े तमाम तरह के रोग और विकारों को दूर कर मनुष्य का जीवन आसान कर देता है। यह शरीर एवं मन की हर तरह की शुद्धि का आसान उपाय है। योग का नियमित अभ्यास शरीर को निम्न प्रकार से लाभ पहुँचाता है।

  1. योग पाचन, रक्त परिसंचरण और रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति को बेहतर करता है।
  2. योग से तंत्रिकाओं और अंतः स्रावी ग्रंथियों के कार्य क्षमता में वृद्धि होती है। जिससे मधुमेह और थाइरोइड में लाभ मिलता है।
  3. योग पुरानी पेट की बीमारियों में आराम पहुँचाता है।
  4. उच्च रक्तचाप
  5. पुराने दर्द की समस्या
  6. चिंता व घबड़ाहट की समस्या
  7. अवसाद
  8. नींद की समस्या

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