नौ माह की बच्ची के लिए खुद की जान न्यौछावर कर दी इस माँ ने….

जमशेदपुर: एक माँ और बच्चे का रिश्ता बड़ा ही गहरा होता हैं। माँ को दुनियां में सबसे अधिक प्रिय उसका बच्चा होता हैं। माँ के लिए उसके बच्चे की सुरक्षा से बढ़कर और दूसरी कोई भी चीज नहीं होती हैं और जब बच्चे की जान पर बन आये तो माँ बच्चे को बचाने के लिए खुद की जान को भी न्यौछावर कर देती हैं।

ऐसा ही एक दर्दनाक मामला सामने आया है। जहां अपनी बच्ची को बचाने के लिए एक माँ ने खुद मौत को गले लगा लिया।

मिली जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी) में शिक्षक इकबाल अंसारी पत्नी खतीजा बेगम और नौ माह की बच्ची के साथ घर से निकले थे उसके इलाज के लिए । मानगो बस स्टैंड गोलचक्कर के समीप पहुंचे ही थे कि मरीन ड्राइव की ओर से आ रही टैंकर ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया।

मौत को करीब देख खतीजा बेगम समझ गई कि वह नहीं बचेगी, लेकिन मां की ममता देखिए, अंतिम समय में भी उसने खुद बचने की कोशिश नहीं कि बल्कि अपनी बच्ची को बचाने के लिए उसे सड़क की दूसरी ओर फेंक दिया। उसे फेंकते ही खतीजा बेगम खुद टैंकर के नीचे दब गई। उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

टैंकर और बाइक में हुई टक्कर की वजह से पति इकबाल दूर जाकर फेंका गया। उन्हें हल्की चोट आई। खतीजा के टैंकर की चपेट में आ जाने के बाद इकबाल को अपनी बच्ची का ख्याल आया तो पाया कि वह सड़क किनारे पड़ी हुई। उसने सबसे पहले उसे गोद में उठाया और सीने से लगाकर पत्नी के पास पहुंचा तो देखा कि उसकी दुनिया उजड़ चुकी थी।

खतीजा को रौंदने के बादटैंकर घिसटते आगे बढ़ी और भुइयांडीह की ओर से आ रही बाइक सवार को भी रौंद दिया। टैंकर इस बाइक को रौंदने के बाद पलट गया।  घटना के बाद टैंकर चालक भाग निकला। घटना की सूचना मिलते ही एसएसपी अनूप बिरथरे, सिटी एसपी प्रभात कुमार के अलावा काफी संख्या में जवान मौके पर पहुंचे और बचाव कार्य  में जुट गए। घटना शुक्रवार रात की हैं।

टैंकर नही पलटता तो जा सकती थी कई जान

प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो अगर टैंकर नही पलटता तो कई और राहगीर उसकी चपेट में आ सकते थे। जिस समय हादसा हुआ उस समय मानगो बस स्टैंड गोलचक्कर और मानगो पुल पर काफी भीड़ रहती है।  

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